जबना ने मंडी जिले के दूसरे सरपंचों से इसी प्रकार का अभियान चलाने का आग्रह किया. आगे फरवरी 2017 को थर्जुन ग्राम पंचायत में एक प्रस्ताव पारित हुआ.
इस प्रस्ताव के तहत गाँव में शराब और तम्बाकू की बिक्री और प्रयोग पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया.
हालाँकि, यह करना आसान नहीं था. जबना को इसके लिए जान से मार देने की धमकियाँ भी मिलीं, लेकिन वह रुकी नहीं.
धीरे-धीरे गाँव के लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया. आगे यह अभियान जिले के दूसरे गाँवों में भी पहुंचा, तो वहां भी शराब और तम्बाकू के खिलाफ बैन लगा दिया गया.
शराब और तम्बाकू की समस्या से निपटने के बाद उन्होंने गाँव को स्वच्छ करने पर ध्यान लगाया. इसके लिए उन्होंने हर घर में दो डस्टबिन रखवाए.
सीवर का जो कचरा पानी के खुले स्रोतों में जा रहा रहा था, उसे अलग गड्ढे खोदकर उनमें डाला गया. गाय और भैंस के गोबर को एक जगह एकत्रित करने के लिए जगह-जगह शेड बनवाए गए.
इस तरह थर्जुन गाँव पूरी तरह साफ-सुथरा हो पाया. यह सब मुमकिन हो पाया सिर्फ जबना के हौसले के कारण.