जवाहर कॉलोनी के लोगों को मिलेगी बिजली कटौती से राहत

बिजली कटौती की समस्या से जूझ रहे जवाहर कॉलोनी वासियों के लिए राहत भरी खबर है। इस गर्मी में लोगों को बिजली कटौती से नहीं जूझना पड़ेगा। लोगों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने के लिए 11 केवी के दो नए फीडर का निर्माण कार्य शुरू किया गया है। बिजली निगम की ओर से इस योजना पर करीब 60 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। फीडर बनने से करीब 20 हजार उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा।


 

जवाहर कॉलोनी वासियों को वर्तमान में कपड़ा कॉलोनी और एफसीआई फीडर से बिजली आपूर्ति की जा रही है। दोनों ही फीडर लंबे समय से ओवरलोड चल रहे हैं। इस कारण फीडर से जुड़े इलाकों में फॉल्ट, ट्रिपिंग, ब्रेकडाउन की समस्या अधिक रहती है। खासकर गर्मियों में अघोषित कट काफी बढ़ जाते हैं। एक बार फॉल्ट, ब्रेकडाउन आदि के कारण लाइट जाने पर लोगों को तीन-तीन घंटे सप्लाई बहाल होने का इंतजार करना पड़ता है। लिहाजा इन समस्याओं को दूर करने के लिए फीडर का निर्माण फैसला किया गया।
बिजली निगम के एक अधिकारी ने बताया कि जवाहर कॉलोनी में करीब 50 हजार लोग निवास करते है। यहां बिजली निगम के उपभोक्ताओं संख्या करीब 10 हजार है। इसी तरह कपड़ा कॉलोनी में करीब 10 हजार उपभोक्ता है। ऐसे में इस क्षेत्र में बिजली की सबसे बड़ी समस्या बनी रहती है। स्थानीय लोगों का कहना कहना है कि बिजली कटौती की वजह से उन्हें समुचित सप्लाई नहीं मिल पाती है। गर्मियों के दिनों में अक्सर लो-वोल्टेज, फॉल्ट आदि की समस्या बनी रहती है। इससे उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ती है।
15 फरवरी से नए फीडर होंगे शुरू
बिजली निगम अधिकारियों के अनुसार, दोनों फीडर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। एक फीडर में 25 लाख और दूसरे फीडर में करीब 35 लाख रुपये की लागत आएगी। फीडरों का निर्माण 15 फरवरी तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद लोड टेस्टिंग किया जाएगा। एक फीडर पर 300 एमपीआर लोड होनी चाहिए। इसलिए लोड टेस्टिंग के दौरान यह देखा जाता है कि फीडर पर मानक के अनुसार लोड है कि नहीं। लोड टेस्टिंग के बाद इनसे सप्लाई शुरू कर दी जाएगी।
कोट
गर्मी में लोगों को बेहतर बिजली सप्लाई देने के लिए जवाहर कॉलोनी में दो नए फीडर बनाने का काम शुरू किया गया है। इस योजना पर करीब 60 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इससे जवाहर कॉलोनी समेत आसपास के क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली मिलेगी।
- जितेंद्र ढुल, कार्यकारी अभियंता, एनआईटी डिवीजन, बिजली निगम