महाभारत से भी जुड़ा है इसका इतिहास

कबड्डी का कोई औपचारिक इतिहास देखने को नहीं मिलता है, मगर इस खेल की शुरुआत वैदिक काल से ही मानी जाती है. कई इतिहासकारों की मानें तो तामपत्र के अनुसार भगवान श्री कृष्ण के दौर में भी कबड्डी की तरह एक खेल खेला जाता था. श्री कृष्ण भी अपने दोस्तों के साथ खेला करते थे.


वहीं महाभारत से भी इस खेल के तार जुड़े हुए हैं. ऐसा माना जाता है कि जब अर्जुन के बेटे अभिमन्यु ने कौरवों के द्वारा रचे गए चक्रव्यूह को तोड़ा था. तो उस चक्रव्यूह में प्रत्येक चक्र को 7 योद्धाओं से सुसज्जित किया गया था.


अभिमन्यु इसको भेदने में तो सफल रहे थे, मगर वे वापस आने में असमर्थ रहे. इसी युद्ध के दौरान उनकी मौत भी हो जाती है. वहीं से कबड्डी के खेल को महाभारत से जोड़ कर देखा जाता है.


वैसे तो कबड्डी भारत का खेल का माना जाता है, मगर इसके उद्भव को लेकर विवाद है. एक तरफ जहां भारत में इसकी शुरुआत वैदिक युग में लगभग 3000 से 4000 साल पहले हुई थी. वहीं ईरान का कहना है कि, इस खेल का जन्मदाता वो है. उनके अनुसार इस खेल की शुरुआत ईरान के सिस्तान शहर से लगभग 5000 वर्ष पूर्व हुई थी.  


इसी के साथ ही प्राचीनकाल में ऋषियों व मुनियों के गुरुकुल में भी कबड्डी खेली जाती थी. ये शिष्यों के शारीरिक व्यायाम के लिए फायदेमंद मानी जाती थी.