तनाव लेना छोड़ें। छोटी-छोटी बातों के तनाव फिर वो नौकरी की समस्या हो या आर्थिक, शारीरिक सबका हल है। तनाव लेने से समस्या दूर नहीं होगी, उसका समाधान ढूंढ़ उससे निपटने में अपनी ऊर्जा लगाएं।
किसी भी दर्द या परेशानी को झेलते हुए सहनशीलता की मिसाल बनने की बजाए उसका डॉक्टर से निदान करवाएं।
अपनी भावनाओं को शेयर करें, अभिव्यक्ति दें, हल्का व प्रसन्न महसूस होगा।
दिमाग को शांत व चित्त को प्रसन्न रखने का प्रयास करें।
दिल को हमेशा सकारात्मक सोच व ऊर्जा व प्रसन्नता से भरा रखें तभी पूर्ण शरीर स्वस्थ रहेगा व दिमाग में व्यर्थ के नकारात्मक विचारों को न आने दें।
हर पल स्वयं को 'मैं ठीक हूं', 'सब कर सकता हूं', 'सब अच्छा होगा' का संदेश देते रहें।
सब कुछ ठीक होने पर भी स्वास्थ्य गड़बड़ाए तो परेशान, निराश, उदास हो उसी के बारे में सतत सोचने से अच्छा है कि उसे जीवन का एक पड़ाव व हिस्सा मान सहजता से स्वीकारें।
-डॉ. साधना सुनील विवरेकर
-डॉ. साधना सुनील विवरेकर